Ads

अवचेतन मन है, हमारे उज्जवल भविष्य का आधार f


 जीवन दर्शन लाइफ की रोशनी में हम आज आधुनिक जगत के, FATHER OF PSYCHOANALYSIS , कहे जाने वाले, सम्मानीय व्यक्ति  SIGMOND FREUD द्वारा उजागर समग्र ज्ञान के एक अंश को बोध गम्य करने का प्रयास कर रहें हैं जो हमारे व्यक्तित्व के निर्धारण में लगभग 90% योगदान रखता है, से अवगत होना हमारे लिए अति कल्याणकारी होगा | 

हम बात कर रहे हैं अवचेतन मन ( UNCONSCIOUS MIND ) के विषय में जो हमारे जीवन निर्माण के हर भाग के सूत्रधार हैं | 

SIGMOND FREUD ने मानव मन को तीन भागों के अंतर्गत विश्लेषित किया है, जो मुख्यतः चेतन, अर्धचेतन तथा अवचेतन हैं और मानव मन को समुद्र में व्याप्त हिम खंड के सामान माना है | जिस प्रकार समुद्र में व्याप्त हिम खंड का 10% भाग ही हमें दिखता है तथा शेष 90% भाग समुद्र के जल की वजह से नही दिखता, ठीक इसी के सामानांतर मानव मन का चेतन भाग 10% तथा अवचेतन भाग 90% और अर्धचेतन  मानव मन की ऐसी दशा है जिसमें कुछ जाग्रत व् कुछ सुप्त अवस्था का बोध होता है | हमारा अवचेतन मन हमारे विचारों, भावनाओं, अनुभवों तथा हमारी अतृप्त इच्छाओं का कोष है | अगर हम किसी व्यक्ति  के अवचेतन में छिपे भावों को समझ सकें तो उसके चेतन व्यक्तित्व को सहजता से समझते हुए उसकी हर मानसिक समस्या व् उलझन को हल कर सकते हैं    और मार्ग बातचित है | मानव के मनोविज्ञान के इस विश्लेषण ने सिग्मंड फ्रायड को मील के पत्थर सामान स्थापित किया है | 

जिस प्रकार एक गोलाकार आकृति की बाहरी सीमा रेखा को देख कर हम उसके केंद्र के विषय में मुकम्मल जानकारी नहीं प्राप्त कर सकते ठीक उसी प्रकार व्यक्ति के चेतन स्वाभाव का अध्ययन कर हम उसके किसी स्वाभाव के कारण के विषय में सटीक जानकारी प्राप्त नहीं कर सकते |  आज हम अपने तथा आस -पास  के बच्चों के साथ सकारात्मक बातचीत व् आदर्श व्यव्हार करते हैं, क्योंकि हमारा यह व्यवहार ही बच्चों के अवचेतन मन में संग्रहीत होता जाता है और भविष्य में उसके व्यक्तित्व का आधार बनता है | 





जीवन के अक्संख्य अनुभवों को यथार्थ रूप में जानने के लिए नीचे दिए गए लिंक को क्लिक करें 

0 comments:

एक टिप्पणी भेजें

 
JEEVAN DARSHAN © 2013. All Rights Reserved. Powered by Blogger
Top