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जीवन दर्शन लाइफ की रौशनी में आज मैं अमेरिकन लेखक और बिज़नेस कोच बर्क हेजस (BURK HEDGES) की प्रसिद्द किताब ( PARABLE OF PIPELINE ) से प्रेरणात्मक पाब्लो और ब्रूनो की कहानी को आपके समक्ष प्रस्तुत कर रहा  हूँ, जिसमें संलिप्त सन्देश  को हम अपने जीवन  में अंगीकार कर आर्थिक स्वतंत्रता की स्थिति को बहुत ही  सहजता से  प्राप्त कर सकते हैं :-
एक गांव में पाब्लो और ब्रूनो नाम के दो मित्र जो  काफी सकारात्मक तथा अपने सुनहरे भविष्य  को हकीकत का रूप देने हेतु अवसर की तलाश में रहते थे |  


पाब्लो और ब्रूनो को यह अवसर भी जल्द ही मिल जाता है जब गांव के मुखिया उनके सामने किसी अन्य जगह से गांव में पानी लाने के लिए उचित पारिश्रमिक देने का प्रस्ताव रखते हैं जिसे वे सहर्ष स्वीकार कर लेते हैं | अगले दिन से ही पाब्लो और ब्रूनो अपनी अपनी बाल्टियों से उस जगह से गांव  में पानी लाना  शुरू कर देते हैं | 




अब वे सुबह से शाम तक गांव में पानी लाते और शाम को थक कर अपने घरों को लौट जाते, ऐसा वे महीनों तक करते रहे | इनमें पाब्लो अत्यधिक खुश था और अपने बचत किए हुए पैसे से उसने अपने लिए एक घर और एक गाय खरीद ली थी तथा वह रोज मदीरा सेवन हेतु रोज ही मदिरालय जाने लगा था | दूसरी तरफ ब्रूनो अपने काम से अत्यधिक खुश नहीं था | वह सोचता कि मैं काम पर जाता हूँ तभी मेरे पास पैसा आता है, काम पर नहीं जाऊंगा तो  पैसा भी नहीं आएगा | यहाँ पर ब्रूनो ने यह भी ध्यान देना शुरू कर दिया था कि उम्र बढ़ने के सामानांतर हमारी कार्य क्षमता घटती जाएगी और बीमार पड़ने तथा किसी आपात स्थिति में  तो शायद कार्य पर ही नहीं जा पाएं तब हमारे जीवन की सभी आवश्यकयें कैसे पूरी होंगी |   


 ब्रूनो अब पानी तो गांव में लाता साथ ही पानी के उस स्रोत से गांव तक एक पाइप लाइन बनाने के विषय में सोचने लगा | ब्रूनो इस विचार पर पाब्लो के साथ परामर्श करता है लेकिन पाब्लो को यह विचार पसंद नहीं आता और ब्रूनो का साथ नहीं देता | 
अतः ब्रूनो अकेले ही पानी की पाइप लाइन बनाने का निश्च्य करता है | अब ब्रूनो अधिक उत्साह के साथ गांव में पानी लाता तथा अधिक से अधिक बचत करने लगा और एक समयावधि के बाद वह दिन के आधे समय गांव में पानी लाता और आधे समय में उस पानी के स्रोत से गांव तक पानी की पाइप लाइन बनाने का काम शुरू कर देता है | 



ब्रूनो को ऐसा करता देख गांव वाले उसका खूब मजाक उड़ाते हैं तथा उसका मित्र पाब्लो उसे यह पागलपन बंद करने और पूरे दिन गांव में पानी लाने की सलाह देता है जिसे ब्रूनो अस्वीकार कर अपने सोचे हुए काम को लगातार जारी रखता है |
अब पाब्लो दिन भर गांव में पानी लाता जबकि ब्रूनो दिन के आधे समय गांव में पानी लाता और बचे हुए आधे समय में अपनी पानी की पाइप लाइन बनाता | इस दौरान पाब्लो अपनी पूरी कमाई से अपने घर में ऐशोआराम का हर सामान खरीद के लाता और अपना जीवन आनंदपूर्वक बिताता जबकि ब्रूनो अपनी कमाई के छोटे हिस्से को अपने जीवन निर्वाह के लिए अतिआवश्यक सामान को खरीदने तथा कमाई के बड़े हिस्से को अपनी पानी की  पाइप लाइन को बनाने पर खर्च करता | 
पाब्लो और ब्रूनो की यह दिनचर्या लगातार चलती रही, एक समय ऐसा आ ही गया जब ब्रूनो द्वारा बनाई जा रही पानी की पाइप लाइन गांव तक पहुँच गई | 
अब ब्रूनो अपनी पानी की पाइप लाइन के पास आराम से बैठा रहता और सबको पानी देता रहता जबकि पाब्लो अपने जीवन की हर जरूरत को पूरा करने के लिए आज भी पानी के उस स्रोत से अपनी बाल्टी द्वारा पानी ढोकर गांव में लाने के लिए बाध्य था, चाहें उसका स्वास्थ्य अच्छा हो या बुरा |

उपरोक्त कहानी के मर्म को समझने के बाद हमारे लिए यह अतिआवश्यक होगा कि हम अपने जीवन का  अवलोकन करें और देखें कहीं हम भी केवल पाब्लो की तरह बाल्टियां तो नहीं भर रहे | इस कहानी में भी हम देखते हैं कैसे ब्रूनो का छोटे समय का दुःख बड़े समय का सुख बन जाता है | अगर हम भी केवल बाल्टियां ही भर रहे हैं तो इतना तय है हम संपत्ति (Wealth) कभी नहीं बना पाएंगे चाहें हमारी महीने की कमाई (Salary) कितनी ही हो, इससे  कोई फर्क नहीं पड़ता | हमें विचार करना होगा कि क्या हमारी दैनिक या कोई आकस्मिक जरूरतें तब भी पूरी होती रहेंगी जब हम कोई काम करने में भी असमर्थ हो जाएंगे | अतः यह हम पर निर्भर करता है कि हम तय करें कि हमे अपने जीवन में केवल बाल्टियां ढोकर अपना जीवन निर्वाह करना है या कोई ऐसी पाइप लाइन भी बनानी है जिससे हमारे जीवन की सभी आवश्यकता पूरी हो सकें तब भी जब हम काम करने में असमर्थ हों | 


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