जीवन का शाश्वत तत्व और इसको प्राप्त करने का मार्ग
जीवन का शाश्वत तत्व /जीवन का शाश्वत सत्य इसको प्राप्त करने का मार्ग जीवन दर्शन लाईफ की रोशनी मे यह प्रासंगिक ही होगा कि हम उस मार्ग को पहचानते हुए, उस पर चलकर जीवन के शाश्वत तत्व को अपने अंतःकरण में आत्मसात करते हुए, मनुष्य समाज के कल्याणार्थ अर्पित करें | जीवन के शाश्वत तत्व से बोधित होने की प्रासंगिकता आपका यह स्वाभाविक सवाल हो सकता है कि मैं प्रासंगिक शब्द का प्रयोग क्यों कर रहा हूँ | लगभग आप सभी मेरी इस बात से सहमत होंगे कि हम आज जिस समाज में जीवन निर्वाह कर रहे हैं उसमे सर्वत्र कृत्रिमता का वास है | आज मनुष्य समाज ने भौतिक तथा मानवीय सम्पदा का कुशलतम उपयोग करते हुए मनुष्य जीवन के प्रत्येक भाग को विकास की उस उत्कृष्टम स्तर को दिया है जहाँ पर मनुष्य अपने वजूद की सार्थकता के लिए पूर्णतः समाज पर निर्भर हो चूका है |यह कहना भी पूरी तरह से गलत नही होगा कि मनुष्य जीवन पूर्ण रूप से बहिर्मुखी और देहात्मबुद्धि दृष्टिकोण को आत्मसात कर चुका है और इस परिवेश में मिली हमारी पहचान और सामाजिक प्रतिष्ठा, हमारे शरीर के साथ जुड़े सुख - दुःख तथा शांति, हमारे भौतिक ऐश्वर्य...